PojK leader Ajmal Rashid in Rawalkot – ‘हमें पाकिस्तानी सेना से आजादी चाहिए…’, रावलकोट में प्रदर्शन के दौरान PoJK नेता का फूटा गुस्सा – PojK leader Ajmal Rashid in Rawalkot demands Freedom from Pakistan Army slams General Asim Munir ntc

बलूचिस्तान प्रांत के बाद अब पाकिस्तान ऑक्यूपाइड जम्मू-कश्मीर (PoJK) में भी पाकिस्तान की सेना के खिलाफ लोगों के बीच प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. PoJK के रावलकोट की सड़कों पर पाकिस्तान आर्मी के खिलाफ आजादी के नारे गूंजे. अवामी एक्शन कमेटी के नेता अज़मल राशिद ने रावलकोट में एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के लोगों को पाकिस्तान की सेना से आजादी चाहिए.
PoJK में अजमल राशिद ने क्या कहा?
PoJK आधारित आवामी एक्शन कमेटी के अजमल राशिद ने पाकिस्तान सेना और उसके आतंकी प्रॉक्सीज पर तीखा हमला किया. अजमल ने कहा, ‘पाकिस्तान की सेना PoJK के युवाओं का इस्तेमाल कश्मीर में तोप के चारे के रूप में उपयोग करती है. वे हमारे बच्चों को उग्रवादी बना कर सीमा पार मरने के लिए धकेलते हैं, जबकि उनके अपने बच्चे विदेशों में पढ़ाई करते हैं’.
अजमल राशिद ने धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर PoJK के युवाओं का शोषण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के प्रसिद्ध वचन “हम घास खाएंगे, लेकिन अपने परमाणु हथियार रखेंगे”, और इन्हें राज्य के खिलाफ इस्तेमाल किया’.
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अजमल राशिद ने पूछा कि पाकिस्तानी लोग घास खा सकते हैं, लेकिन क्यों PoJK के लोग भूखे मरें पाकिस्तान की समस्याएं ठीक करने के लिए?
बता दें कि अजमल राशिद का बयान ऐसे समय आया जब इस्लामाबाद में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की पुनरावृत्ति करने को लेकर बयान दिया. जनरल असीम ने पाकिस्तानी नागरिकों से अपनी विचारधारात्मक इतिहास से जुड़े रहने का आग्रह किया था.
पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने क्य कहा था?
हाल ही में इस्लामाबाद में हुए पहले ओवरसीज पाकिस्तानी सम्मेलन में, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने दो-राष्ट्र के सिद्धांत की वकालत की, जिसकी वजह से साल 1947 से पाकिस्तान अस्तित्व में आया. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के लिए रखी गई वैचारिक नींव को सही ठहराया. इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुनीर ने आगे कहा, ‘हमारा धर्म अलग है, हमारे रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग हैं, हमारे विचार अलग हैं, हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं. इसी वजह से दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव पड़ी. हम दो अलग-अलग देश हैं, हम एक राष्ट्र नहीं हैं’.
मुनीर ने इसके साथ ही पाकिस्तानियों से आग्रह किया कि वे ये सुनिश्चित करें कि वो और उनके बच्चे भी देश की वैचारिक इतिहास से जुड़े रहें. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के इतिहास को भूल मत जाइएगा और अपने आने वाली पीढ़ियों को भी इसके बारे में बताना मत भूलिएगा’.
गौर करने वाली बात यह भी है कि जब मुनीर पाकिस्तान के भारत से अलग होने को जस्टिफाई कर रहे थे, तब वहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे. मुनीर ने इसके अलावा बलूचिस्तान में विद्रोह के मुद्दे को भी उठाया. बता दें कि बलूचिस्तान के लोग भी लंबे समय से पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं और पाकिस्तानी सेना पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम जल्द ही इन आतंकियों का खात्मा करेंगे. आपको लगता है कि ये 1500 आतंकवादी हमसे बलूचिस्तान छीन लेंगे? इन आतंकियों की दस पीढ़ियां भी बलूचिस्तान और पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकती’.
बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मांगी माफी और 4.52 अरब डॉलर, विदेश सचिव स्तर की बैठक में रखी शर्तें
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच 15 वर्ष बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता हुई. बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के अत्याचारों के लिए माफी और 4.52 अरब डॉलर की संपत्ति मांगी. इसके अलावा, 3,25,000 पाकिस्तानियों को वापस लेने की मांग भी रखी गई. पाकिस्तान के विदेश मंत्री 27-28 अप्रैल को ढाका का दौरा करेंगे, जो 2012 के बाद पहली यात्रा होगी.
बांग्लादेश में पाकिस्तान और चीन की बढ़ती सक्रियता, भारत के लिए खतरा
शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी आवाजें बुलंद हो गई हैं. पाकिस्तान और चीन बांग्लादेश में अपनी पैठ बढ़ा रहे हैं. मोहम्मद यूनुस की नजर पूर्वोत्तर के सात भारतीय राज्यों पर है और उन्होंने चीन को भारत की सीमा के नजदीक एयरबेस बनाने का प्रस्ताव दिया है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इस महीने के अंत में ढाका का दौरा करने वाले हैं, जो 2012 के बाद पहली बार होगा.