Hepatitis And Leptospirosis Cases Surge In Delhi-ncr Know Symptoms, Causes & Prevention Tips In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

इस महीने की शुरुआत में अमर उजाला में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हेपेटाइटिस बी और सी के मामले तेजी से बढ़े हैं। तीन महीने में अकेले बुलंदशहर में हेपेटाइटिस बी और सी के 288 मरीज रिपोर्ट किए गए हैं। अब नोएडा के अस्पतालों में भी हेपेटाइटिस के रोगियों के आने का खबर है। चाइल्ड पीजीआई नोएडा से प्राप्त जानकारियों के मुताबिक यहां रोजाना 5-6 बच्चे हेपेटाइटिस-ए पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
हेपेटाइटिस-ए के अलावा अस्पतालों में लेप्टोप्सायरोसिस संक्रमण के भी बढ़ने की खबर है।
अस्पताल से प्राप्त खबरों के मुताबिक बुखार और शरीर दर्द की शिकायत के साथ ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों की जांच में लेप्टोप्सायरोसिस और हेपेटाइटिस-ए का पता चल रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने बताया कि बुखार-शरीर दर्द के साथ आ रहे कई मरीजों में डेंगू की आशंका जताई गई हालांकि अभी तक इसके पॉजिटिव मरीज नहीं मिले हैं। लेप्टोप्सायरोसिस के पांच मरीज सामने आए हैं। बच्चों में हेपेटाइटिस-ए का संक्रमण अधिक देखा जा रहा है।
हेपेटाइटिस-ए का संक्रमण दूषित भोजन-पानी या संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने से फैलता है। हेपेटाइटिस-ए के लक्षणों में थकान, भूख न लगने, मतली-उल्टी, पेट में दर्द, बुखार और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना) की दिक्कत हो सकती है। हेपेटाइटिस-ए आमतौर पर हल्के लक्षणों वाला होता है और आसानी से ठीक भी हो जाता है। हालांकि कुछ मामलों में ये गंभीर भी हो सकता है यहां तक कि इससे लिवर फेलियर भी हो सकती है।
हेपेटाइटिस-ए से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोना, दूषित भोजन-पानी से बचना और हेपेटाइटिस-ए का टीका लगवाना महत्वपूर्ण है।
हेपेटाइटिस-ए के साथ नोएडा में लेप्टोप्सायरोसिस के मरीज भी देखे जा रहे हैं। लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बैक्टीरियल रोग है जो लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होता है। संक्रमित पशु के मूत्र या दूषित पानी-मिट्टी के संपर्क में आने से इसका संक्रमण हो सकता है। लेप्टोस्पायरोसिस के कारण हल्की फ्लू जैसी बीमारी से लेकर किडनी या लिवर फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
इस बीमारी का जल्दी पता लगना जरूरी है। जल्द से जल्द एंटीबायोटिक दवाएं देकर रोग के गंभीर रूप लेने के खतरे को कम किया जा सकता है।
खबरों के मुताबिक नोएडा जिला अस्पताल में रोज डेंगू के 50-60 संदिग्ध मरीज पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक अस्पतालों में डेंगू संदिग्ध मरीज बढ़ने लगे हैं। बुखार से परेशान लोगों को डेंगू संदिग्ध मानकर जांच कराई जा रही है। हालांकि इस सीजन में अब तक डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला है। रोजाना 50-60 मरीजों की और मलेरिया की जांच की जा रही है। रिपोर्ट न आने तक इन सभी को डेंगू संदिग्ध मानकर इलाज किया जा रहा है।
आमतौर पर बरसात के शुरुआती महीनों में डेंगू-मलेरिया जैसे मच्छरजनित रोगों के मामले बढ़ने लगते हैं, पर ये बीमारी किसी भी समय में हो सकती है। यहां पढ़िए पूरी खबर
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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